Tibet Yoga History and Mystery (Photo - Social Media)
तिब्बती योग का रहस्य: तिब्बत, एक अद्भुत स्थान, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ गूढ़ योग साधनाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ की आध्यात्मिक परंपराएँ इतनी गहरी और रहस्यमय हैं कि वे सदियों से शोधकर्ताओं और साधकों को आकर्षित करती आ रही हैं। तिब्बती योग केवल शारीरिक और मानसिक साधना नहीं है, बल्कि यह आत्मा की ऊँचाइयों तक पहुँचने का एक अनोखा मार्ग है।
कहा जाता है कि तिब्बती भिक्षु और योगी ऐसी साधनाएँ करते हैं जो मानव क्षमताओं की सीमाओं को पार कर जाती हैं, जहाँ साधक अदृश्य शक्तियों से संपर्क कर सकता है और चेतना के अज्ञात आयामों को छू सकता है। लेकिन क्या ये साधनाएँ सच में सिद्धियाँ प्रदान करती हैं, या ये केवल किंवदंतियाँ हैं? आइए तिब्बती योग की रहस्यमयी दुनिया में प्रवेश करें और इसके रहस्यों को जानें।
प्राचीन बों धर्म और बौद्ध परंपरा तिब्बती योग की उत्पत्ति
तिब्बती योग परंपरा की जड़ें दो मुख्य धाराओं से जुड़ी हैं - बों धर्म और महायान बौद्ध धर्म।
बों धर्म - तिब्बत में बौद्ध धर्म के आगमन से पहले, बों नामक एक प्राचीन शमैनिक परंपरा का वर्चस्व था। यह परंपरा प्रकृति की शक्तियों और ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ने की विधियाँ सिखाती थी। इसमें मन्त्र, तंत्र, ध्यान और ऊर्जा नियंत्रण की गूढ़ विधियाँ शामिल थीं। बों योग की यह परंपरा तिब्बती योग की मूल जड़ मानी जाती है।
महायान और वज्रयान बौद्ध धर्म - 7वीं से 8वीं शताब्दी के बीच, भारत के महान योगी गुरु पद्मसम्भव ने तिब्बत में बौद्ध धर्म के वज्रयान पंथ की स्थापना की। वज्रयान का अर्थ है "हीरे के समान अटूट मार्ग" जिसमें तंत्र, मन्त्र, ध्यान और गूढ़ योग साधनाओं का समावेश था। गुरु पद्मसम्भव को तिब्बत में गूढ़ योग साधनाओं का जनक माना जाता है। उन्होंने तिब्बती भिक्षुओं को चेतना के उच्चतम स्तर तक पहुँचने की विधियाँ सिखाईं।
तिब्बती योग की प्रमुख साधनाएँ तिब्बती गूढ़ योग की प्रमुख साधनाएँ
तिब्बती गूढ़ योग में विभिन्न प्रकार की साधनाएँ और ध्यान पद्धतियाँ शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख साधनाएँ निम्नलिखित हैं:
तुम्मो योग (Tummo Yoga): यह साधना आंतरिक अग्नि की साधना है, जिसमें साधक विशेष श्वास विधियों से अपने शरीर में ऊष्मा उत्पन्न करता है। वैज्ञानिकों ने भी प्रमाणित किया है कि तुम्मो का अभ्यास करने वाले योगी अत्यधिक ठंड में भी बिना गर्म कपड़ों के टिक सकते हैं।
मिलारेपा की ध्यान साधना - मिलारेपा तिब्बत के महान संत थे, जिन्होंने कठोर साधना से अद्भुत सिद्धियाँ प्राप्त की थीं। उनकी साधना मुख्यतः मंत्रों और गहन ध्यान पर आधारित थी।
लुंग-गोंग (Lung-gom) - यह विधा साधक को विशेष गति और श्वास तकनीक सिखाती है, जिससे वह तेजी से दौड़ सकता है।
बर्दो योग (Bardo Yoga) - यह साधना मृत्यु और उसके बाद की चेतना से संबंधित है। यह साधक को पुनर्जन्म की प्रक्रिया को समझने में मदद करती है।
महा मुद्रा साधना (Mahamudra Meditation) - यह ध्यान विधि साधक को मन की हलचलों को शांत कर 'शून्यता' की स्थिति में पहुँचाती है।
क्या सच में मिलती हैं सिद्धियाँ? सिद्धियों की वास्तविकता
तिब्बती योग साधनाओं से जुड़ी अनेक चमत्कारी कहानियाँ प्रचलित हैं। कुछ लोग कहते हैं कि इन योगों से वे अदृश्य शक्तियों से संवाद कर सकते हैं। लेकिन इन बातों के वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं।
हालांकि, यह सच है कि इन योगों से व्यक्ति की एकाग्रता और मानसिक क्षमता अद्वितीय रूप से विकसित होती है। तिब्बती योगियों के मस्तिष्क की तरंगें सामान्य मनुष्यों की तुलना में स्थिर और जागरूक होती हैं।
तिब्बती योग पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण वैज्ञानिक अध्ययन
तिब्बती योग पर कई वैज्ञानिकों ने अध्ययन किए हैं। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि तुम्मो योग का अभ्यास करने वाले साधक सचमुच अपने शरीर का तापमान नियंत्रित कर सकते हैं।
गहरे ध्यान से मस्तिष्क में न्यूरोप्लास्टिसिटी बढ़ती है, जिससे व्यक्ति की मानसिक क्षमता और तनाव प्रबंधन की शक्ति बढ़ जाती है।
आध्यात्मिकता की दिशा में एक गहन यात्रा आध्यात्मिकता की खोज
तिब्बती योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, यह आत्मा और चेतना की उच्चतम अवस्था तक पहुँचने का माध्यम है। जो साधक इन योगों को ईमानदारी से अपनाते हैं, वे जीवन के गहरे रहस्यों को समझने में सक्षम हो जाते हैं।
ये योग केवल अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन का मार्ग हैं, जहाँ साधक अपने भीतर की शक्तियों और प्रकृति के रहस्यों को समझ पाता है।
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